नीरज पांडेय, गौतमबुद्ध नगर। कोरोना महामारी का संकट गहराता चला जा रहा है। लगभग साढ़े तेईस करोड़ आबादी वाली उत्तर प्रदेश में लगभग साढ़े तीन हजार लोग अब तक कोरोना ग्रस्त हो चुके है। पुरे राष्ट्र में लॉकडाउन की स्थिति है। इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बहुत ही अहम् फैसला लिया है। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के स्थानांतरण पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
मंगलवार को मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने आदेश जारी किये हैं कि अब अगले आदेश तक ट्रांसफर पॉलिसी के तहत कोई भी ट्रांसफर नहीं हो सकेगा। उन्होंने कहा कि अपरिहार्य स्थिति में मुख्यमंत्री के अनुमोदन से ही ट्रांसफर किए जा सकेंगे। साथ ही किसी विभाग से कर्मचारी के रिटायर होने, त्यागपत्र देने या निलंबन होने से खाली पद को विभागीय स्तर पर ही भरा जाएगा। हालांकि, इसमें प्रतिबंध यह होगा कि इस रिक्ति को भरने से उत्पन्न होने वाली परिणामी रिक्ति पर तैनाती नहीं की जाएगी।
शासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कोरोना की वजह से इस साल तबादला सत्र शून्य हो सकता है। औसतन ट्रांसफर पॉलिसी के तहत हर साल लाखों कर्मचारियों का तबादला होता है। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग में सबसे अधिक पैमाने पर तबादले होते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में ही 44 हजार से अधिक खाली पदों के लिए 70 हजार से अधिक तबादलों के लिए आवेदन किया गया है। सरकार की तरफ से लिए गए फैसले आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, पीपीएस समेत सभी कर्मियों पर लागू होंगे।