गिरजा शंकर मिश्रा, नई दिल्ली: गणपति बाप्पा मोरया.. मंगल मूर्ति मोरया.. आज है अनंत चतुर्दशी का दिन. गणपति की मूर्ति की गजानन के जन्मदिवस यानि गणेश चतुर्थी के दिन विधि विधान से स्थापना होती है. अपने घरों में भगवान गणेश की सेवा और पूजा के बाद, अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की प्रतिमा को पानी में विर्सजित किया जाता है.

गणपति जी की 10 दिनों तक पूजा करने का कारण पुराणों में कुछ इस प्रकार दिया हुआ है-
ऐसा माना जाता है कि महाभारत के रचयिता वेदव्यास जी जब महाभारत कि रचना करने बैठे तो उन्हें कोई ऐसा लेखक चाहिए था जो उतनी ही तेजी से लिखे जितने तेजी से वेदव्यास जी श्लोक कहते हैं. ऐसे में उनके समक्ष सिर्फ एक नाम आया और वह था गणेश जी का. तो कार्य शुरू हुआ वेदव्यास जी का श्लोक बोलना और गणेश जी का लिखना.

वेदव्यास जी गणेश जी को लगातार 10 दिनों तक कथा सुनाते रहे गणेश जी कथा लिखते रहे. अंत में जब कथा समाप्त हुई और वेदव्यास ने आंखें खोली तो उन्होंने पाया कि अत्यधिक मेहनत की वजह से भगवान गणेश का तापमान काफी बढ़ गया है. इसके पश्चात वेदव्यास जी ने उनका तापमान कम करने के उद्देश्य से गणेश जी को सरोवर में ले जाकर स्नान करवाया. उस दिन अनंत चर्तुदशी थी और तब से ही अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति प्रतिमा का विसर्जन करने की परंपरा शुरू हुई.
इस बार गणपति विसर्जन की तिथि यानि अनंत चतुर्दशी आज यानि 12 सितम्बर 2019 को है. कुछ व्यक्ति गणेश चतुर्थी के अगले दिन भी गणपति जी का विसर्जन करते है, जिसे डेढ़ दिन का गणपति विसर्जन कहा जाता है. लेकिन अनंत चौदस के दिन गणपति विसर्जन की परंपरा सबसे ज्यादा प्रचलित है.
वैसे तो गणेश उत्सव को मुंबई का सबसे बड़ा त्यौहार मन जाता है. किन्तु अब समय में परिवर्तन के साथ साथ गणेश उत्सव का प्रचार प्रसार भी पूरे देश में फ़ैल चूका है. आज देश के ऐसा कोई कोना नहीं है जो गणेश उत्सव के रंग में न रंगा हो.

दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश में भी गणपति बाप्पा मौर्य की गूँज सुनाई दे रही है. और मुंबई के क्या कहने पूरा मुंबई तो आज अबीर और गुलाल से महक रहा है. कही लाल बाग़ के राजा की मूर्ति तो कही अंधेर की राजा की मूर्ती. हर रूप में विघ्नहर्ता विद्यमान है सबके विघ्न दूर करने के लिए.
दिल्ली , उज्जैन, उत्तर प्रदेश जगह जगह लोग नाचते गाते, गुलाल लगाते, मोदक खाते गणपति जी को इन्ही शब्दों के साथ विदा कर रहे हैं, ” गणपति बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” और उनसे प्रार्थना कर रहे हैं कि वो इसी तरह अपने भक्तों पर सुख समृद्धि बनाये रखें.

दिल्ली में मयूर विहार में गणपति विसर्जन करने आये स्कूल ब्लॉक निवासी सिंघ परिवार के अनिल सिंह, श्वेता सिंह, संजू सिंह, सुमित सिंह, आर्यन सिंह, गुनगुन सिंह, संदीप मिश्रा से हमने पूछा कि उन्हें अपने घर गणपति जी लाते हुए कितने वर्ष हो गए, श्वेता सिंह ने बताया कि उन्हें 4 साल हो गए अपने घर गणपति लाते हुए. ये परिवार 8 दिन के गणपति स्थापित करता है और अनंत चौदस के दिन पूरे परिवार, पड़ोसी व मित्रों के साथ मिल कर गणेश जी कि प्रतिमा का विसर्जन कर देते हैं.
दिल्ली में भी इस बार दिल्ली सरकार ने गणपति विसर्जन के विशेष इंतज़ाम कर रखे थे, उन्होंने जगह जगह गणपति विसर्जन के लिए गड्ढे खुदवाये हुए थे ताकि उनमे गणपति विसर्जन आराम से हो सके, और यमुना का पानी भी निर्मल बना रहे.
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