2009 से भारत में आए मैसेजिंग एप वॉट्सऐप इंक(WhatsApp) . ने पिछले दे दिनों से देश के सूचना तंत्र को हिलाकर रख दिया है, पिछले तीन चार दिनों से सामने आई खबरों के मुताबिक भारत के 1400 लोगों के व्हाट्सएप(WhatsApp) अकाउंट को हैक कर जासूसी की गई है ,जिसमें देश के राजदूत, कई बड़े नेता व पत्रकारों के नाम शामिल है.
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व्हाट्सएप(WhatsApp) की इस हरकत से सरकार सकते में तो है ही पर इस तरह से किसी के एकाउंट को हैक कर उसकी गोपनीय सूचनाओं को चोरी करना सूचना अधिकारों का उल्लंघन कहलाता है, जिसके बाद से देश के सूचना मंत्रालय इस बाबत कड़ी कार्रवाई की बात कर रहा है.
हाल ही में देश की दूसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस ने इस रविवार को दावा किया कि पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी को व्हाट्सएप(WhatsApp) से एक संदेश प्राप्त हुआ था, जिसमें उन्हें बताया गया था कि उनके फोन के हैक होने की आशंका है.
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हालांकि, पार्टी ने यह नहीं बताया कि प्रियंका को यह संदेश कब प्राप्त हुआ था. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फेसबुक के मालिकाना हक वाले मैसेजिंग एप (व्हाट्सएप) से राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संदेश मिलने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि प्रियंका गांधी को भी लगभग उसी वक्त व्हाट्सएप (WhatsApp) से इसी तरह का एक संदेश प्राप्त हुआ था.’’ सुरजेवाला ने कहा कि प्रियंका को लगभग उसी वक्त संदेश प्राप्त हुआ था, जब व्हाट्सएप इस तरह के संदेश उन लोगों को भेज रहा था जिनके मोबाइल फोन कथित तौर पर हैक हुए थे.
क्या है व्हाट्सएप जासूसी मामला
बता दें कि व्हाट्सऐप ने गुरुवार को कहा था कि इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के वैश्विक स्तर पर जासूसी की जा रही है. भारत के कुछ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं. इस खुलासे के बाद भारत सरकार ने व्हाट्सऐप से मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है. सरकार ने कंपनी से पूछा है कि उसने करोड़ों भारतीयों की निजता की सुरक्षा के लिये क्या कदम उठाये हैं.
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया कि भारत सरकार व्हाट्सऐप पर भारत के लोगों से जुड़ी जानकारियों की चोरी को लेकर चिंतित है। हमने व्हाट्सऐप को यह स्पष्ट करने को कहा है कि यह किस प्रकार की जासूसी है और उसने करोड़ों भारतीयों की निजता की सुरक्षा के लिये क्या कदम उठाया है.
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