ब्यूरो रिपोर्ट, दिल्ली। भारत के पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली एक अनुभवी राजनेता के साथ-साथ जाने-माने वकील भी थे। आज उनकी पहली पुण्य तिथि के अवसर पर पूरा देश उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है।
1990 में अरुण जेटली ने उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ वकील के रूप में अपनी नौकरी शुरू की। वीपी सिंह सरकार में उन्हें 1989 में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया। उन्होंने बोफोर्स घोटाले की जांच में पेपरवर्क भी किया। उन्होंने लॉ के कई लेख लिखे हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता देवेश त्रिपाठी से हमारे संवाददाता की हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि वकालत के पेशे से जुड़े होने के कारण उनका अरुण जेटली जी से कई बार मिलना हुआ। इसी मिलने जुलने के कारण अरुण जेटली जी से उनके अच्छे सम्बन्ध भी थे।
अरुण जेटली के विषय में देवेश त्रिपाठी ने कहा कि “अरुण जेटली जी से बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने ने कई बड़ी-बड़ी राजनीतिक हस्तियों के लिए कोर्ट रूम में जीत हांसिल की। कानून और करंट अफेयर्स पर कई लेख लिखे हैं। इंडो-ब्रिटिश लीगल फोरम के सामने उन्होंने भारत में भ्रष्टाचार और अपराध पर एक पेपर भी प्रस्तुत किया था। मैं उन्हें कोटि कोटि नमन करता हूँ। ” देवेश त्रिपाठी ने ट्वीट के माध्यम से भी अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी:
2014 के लोकसभा चुनाव में अरुण जेटली अमृतसर से हार गए थे, किन्तु केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने भरोसा जताते हुए उन्हें वित्तमंत्री के महत्वपूर्ण पद से नवाजा।
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की पुण्य तिथि पर उन्हें याद करते हुए ट्वीटर पर लिखा ” इस दिन, पिछले साल, हमने श्री अरुण जेटली जी को खो दिया था। मुझे अपने दोस्त की बहुत याद आती है।अरुण जी ने लगन से भारत की सेवा की। उनकी हाजिरजवाबी, बुद्धिमत्ता, कानूनी ज्ञान व समझ और शानदार व्यक्तित्व निश्चित तौर पर अत्यंत उत्कृष्ट एवं अविस्मरणीय था।” उन्होंने ट्विटर के माध्यम से अरुण जेटली की याद में आयोजित एक प्रार्थना सभा का वीडियो भी शेयर किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन् ने भी ट्वीट कर पूर्व वित्त मंत्री को श्रद्धांजलि दी।